Bewafai Shayari, दिल की दहलीज़ पर..
दिल की दहलीज़ पर दस्तक अब न दे !
कोई नया ज़ख्म नया फरेब अब न दे !!
बेवफ़ा थे तो क्यों गए थे रूठ के....
तू बेवफ़ा हैं वफ़ा का भरम अब न दे !!
कोई नया ज़ख्म नया फरेब अब न दे !!
बेवफ़ा थे तो क्यों गए थे रूठ के....
तू बेवफ़ा हैं वफ़ा का भरम अब न दे !!
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