Dosti Shayari, हाथो पे उल्फत के..
हाथो पे उल्फत के फसाने नहीं आते !
जो बीत गया फिर वो ज़माने नहीं आते !
दोस्त ही होते हैं दोस्तों के हमदर्द !
कोई फरिश्ता यहाँ साथ निभाने नहीं आते !!
हाथो पे उल्फत के फसाने नहीं आते !
जो बीत गया फिर वो ज़माने नहीं आते !
दोस्त ही होते हैं दोस्तों के हमदर्द !
कोई फरिश्ता यहाँ साथ निभाने नहीं आते !!
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