Dosti Shayari, अपने होठों पर सज़ा कर...
अपने होठों पर सज़ा कर तुझे..
बस तेरा ही गीत गाना चाहता हूँ !
जलकर बुझ जाना हमारी किश्मतमें ही सही..
बस एक बार रौशन हो जाना चाहता हूँ !!
अपने होठों पर सज़ा कर तुझे..
बस तेरा ही गीत गाना चाहता हूँ !
जलकर बुझ जाना हमारी किश्मतमें ही सही..
बस एक बार रौशन हो जाना चाहता हूँ !!
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