Dosti Shayari, यूँ मिली जो निगाहे...
यूँ मिली जो निगाहे, दोस्ती इतफाक होगई!
राह में चलते - चलते तुमसे मुलाकात होगी!!
जब से बसाया हैं, तुम्हे निगाहों में मैंने!
पता न चला कब दिन कब रात होगई!!
यूँ मिली जो निगाहे, दोस्ती इतफाक होगई!
राह में चलते - चलते तुमसे मुलाकात होगी!!
जब से बसाया हैं, तुम्हे निगाहों में मैंने!
पता न चला कब दिन कब रात होगई!!
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