Zakhm-e Dil Shayari, दिल जलाना...
दिल जलाना ख्वाइश हैं यार की !
उफ़ ये कैसी आजमाइश हैं यार की !!
अभी सूखने भी नहीं पाए थे ज़ख्म दिल के !
फिर से खुरेदना फरमाइश हैं यार की !!
दिल जलाना ख्वाइश हैं यार की !
उफ़ ये कैसी आजमाइश हैं यार की !!
अभी सूखने भी नहीं पाए थे ज़ख्म दिल के !
फिर से खुरेदना फरमाइश हैं यार की !!
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