Zakhm-e Dil Shayari, भींग जाती हैं पलके...
(३) भींग जाती हैं पलके तन्हाई में !
डरते हैं कोई जान न लें.....!!
पसंद करते हैं तेज़ बरसात में चलना !
कही रोते हुए को कोई पहचान न ले !!
(३) भींग जाती हैं पलके तन्हाई में !
डरते हैं कोई जान न लें.....!!
पसंद करते हैं तेज़ बरसात में चलना !
कही रोते हुए को कोई पहचान न ले !!
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