Zakhm-e Dil Shayari, कितनी राहत हैं दिल...
कितनी राहत हैं दिल टूट जाने के बाद !
अपने आप से मिला सब कुछ खोने के बाद !!
मुझे हैरत हैं मैं अब तक कैसे जिन्दा हूँ !
मौत रोज़ आती हैं उसकी याद आने के बाद !!
कितनी राहत हैं दिल टूट जाने के बाद !
अपने आप से मिला सब कुछ खोने के बाद !!
मुझे हैरत हैं मैं अब तक कैसे जिन्दा हूँ !
मौत रोज़ आती हैं उसकी याद आने के बाद !!
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