Dard Shayari, होठों की जूबा ये आंशु...
होठों की जूबा ये आंशु कहते हैं !
जो चुप रहते हैं फिर भी बहते हैं !!
इन आंशुओ की किस्मत तो देखिये !
ये उनके लिए बहते हैं जो इन आँखों में रहते हैं !!
होठों की जूबा ये आंशु कहते हैं !
जो चुप रहते हैं फिर भी बहते हैं !!
इन आंशुओ की किस्मत तो देखिये !
ये उनके लिए बहते हैं जो इन आँखों में रहते हैं !!
Back to TOP
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment