Zakhm-e Dil Shayari, मैं खुद ज़मीन मेरा दिल...
मैं खुद ज़मीन मेरा दिल आसमान का हैं !
टूट के भी मेरा हौसला चट्टान का हैं.....!!
बिछर के मैं उनसे इसलिए नहीं रोया !
वो कह गयी थी ये वक़्त इम्तहान का हैं !!
मैं खुद ज़मीन मेरा दिल आसमान का हैं !
टूट के भी मेरा हौसला चट्टान का हैं.....!!
बिछर के मैं उनसे इसलिए नहीं रोया !
वो कह गयी थी ये वक़्त इम्तहान का हैं !!
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