.....

Zakhm-e Dil Shayari, मैं खुद ज़मीन मेरा दिल...

मैं खुद ज़मीन मेरा दिल आसमान का हैं !
टूट के भी मेरा हौसला चट्टान का हैं.....!!
बिछर के मैं उनसे इसलिए नहीं रोया !
वो कह गयी थी ये वक़्त इम्तहान का हैं !!

0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:

Post a Comment

Please like this website on facebook

फेसबुक उपयोगकर्ता के लिए टिप्पणी करने हेतु आसान टिप्पणी बॉक्स

  © World Of Hindi Shayari. All rights reserved. Blog Design By: Jitmohan Jha (Jitu)

Back to TOP