Zakhm-e Dil Shayari, खुशियों से नाराज़ हैं...
खुशियों से नाराज़ हैं मेरी जिंदगी !
प्यार की मोहताज़ हैं मेरी जिंदगी...!!
हँस लेते हैं दुसरो को दिखाने के लिए !
वर्ना दर्द की खुली किताब हैं मेरी जिंदगी !!
खुशियों से नाराज़ हैं मेरी जिंदगी !
प्यार की मोहताज़ हैं मेरी जिंदगी...!!
हँस लेते हैं दुसरो को दिखाने के लिए !
वर्ना दर्द की खुली किताब हैं मेरी जिंदगी !!
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