Dard Shayari, मुझको रोते देख कर...
मुझको रोते देख कर क्यों परेसान हो !?
ये सबनम तो मेरी आँखों की जान हैं !!
इतने गम के साये लगे हैं मेरे पीछे !
खुद मौत मेरी जिंदगी पे हैरान हैं ...!!
मुझको रोते देख कर क्यों परेसान हो !?
ये सबनम तो मेरी आँखों की जान हैं !!
इतने गम के साये लगे हैं मेरे पीछे !
खुद मौत मेरी जिंदगी पे हैरान हैं ...!!
तमाम उम्र बस यही मलाल रहा !
उसका जबाब मेरे वास्ते सवाल रहा !!
जो एक पल भी बिछरने को मौत कहती थी !
वो मेरे बगैर जिन्दा हजार साल रहा !!
काश जाते वक़्त को हम रोक सकते !
साथ गुजते लम्हों को हम जोड़ सकते !!
कितनी यादें हैं जो आपने दी हमें...!
काश जिंदगी को हम पीछे मोड़ सकते !!
हर क़ुरबानी आप पे कुर्बान हैं !
ये जिंदगी भी बस आपके नाम हैं !!
मिला हैं जो इस जहाँ में प्यार आपका !
खुदा का मुझपे ये बहुत बरा एहसान हैं !!
झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया !
सब कुछ भुला के उनका इंतज़ार किया !!
वो जान ही न पाई जजबात मेरे.....!
जिसे दुनियाँ में मैंने सबसे ज्यादा प्यार किया !!
कभी उनकी पलकों में मेरा इजहार होगा !
दिल के कोने में मेरा ही प्यार होगा....!!
गुजर रहे हैं रात और दिन उनकी याद में !
कभी तो उनको भी मेरा इंतज़ार होगा !!
आपके यादों का महल बनाया हमने !
आरजू का दिया उसमे जलाया हमने !!
भूलने वाले तुझे मेरी कसम.......!
कोई वो लम्हा बता जिसमे तुझे भुलाया हमने !!
एक जैसा दोस्त सारे नहीं होते !
कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते !!
आपसे दोस्ती करने के बाद एहसास हुवा !
कौन कहता हैं जमीन पे तारे नहीं होते !!
तमन्ना बस इतनी है उसका प्यार मिले !
इजहार करे हम तो उसका इकरार मिले !!
बस एक बार वो कह दे सोच कर बतायेंगे !
फिर चाहे सात जन्म का इंतज़ार मिले....!!
एक हसीन पल की जरुरत हैं हमें !
बीते कल की जरुरत हैं हमें....!!
सारा ज़माना रूठे तो रूठे !
जो कभी न रूठे ऐसे दोस्त की जरुरत हैं हमें !!
हम अपनी जिंदगी ख़ुशी से लुटा दे !
अगर खुदा हमारी उम्र आपको लगा दे !!
और तो कुछ माँगा नहीं हमने खुदा से !
बस हर जन्म में आपको हमारा दोस्त बना दे !!
हमें किसी से कोई शिकायत नहीं !
शायद मेरी किश्मत में चाहत नहीं...!!
मेरी तक़दीर को लिखकर उपरवाले मुकर गए !
पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नहीं....!!
क्यों बनाया मुझको आए बनाने वाले !
बहुत गम देते हैं ये जमाने वाले....!!
मैंने आग के उजालों में कुछ चेहरों को देखा !
मेरे अपने ही थे मेरे घर जलाने वाले !!
वो कहते हैं मजबूर हैं हम !
न चाहते हुए भी दूर हैं हम....!!
चुरा ली उन्होंने धड़कन भी हमारी !
फिर भी वो कहते हैं की बेकसूर हैं हम !!
उस गुलाब से पूछो दर्द क्या होता हैं !
जो हर वक़्त खामोश ही रहता हैं !!
औरो को देता हैं पैगाम-ऐ-मोहब्बत !
और खुद काँटों की चुभन को सहता हैं !!
लगता हैं कोई हमसे खपा हैं !
पर यकिन हैं उसकी हर साँस में वफ़ा हैं !!
नहीं हैं उस जैसा कोई दुनियाँ में !
तभी तो उस पर ये जान फिदा हैं !!
रब उसे ऐसी तन्हाई न दे !
हम जी लेंगे तन्हा पर उसे तन्हाई न दे !!
इन निगाहों में बसी रहे उसकी सूरत !
भले मेरी सूरत उसे दिखाई न दे !!
काश तू चाँद और मैं तारा होता !
आसमा में एक आशियाना हमारा होता !!
लोग तुम्हे दूर से देखते....!
नजदीक से देखने का हक बस हमारा होता !!
हर पल दिल को बहला लेता हूँ !
तन्हाई में खुद को ही दोस्त बना लेता हूँ !!
याद उनको करके मुस्कुरा लेता हूँ !
गुजरे लम्हों को फिर करीब बुला लेता हूँ !!
बागो - बहारो में तुम ही अच्छे लगे !
लेकिन इसमें मेरा कोई कशुर नहीं !!
कशुर हैं तो सिर्फ इस दिल का...!
जिसे हजारो में तुम ही अच्छे लगे !!
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