Zakhm-e Dil Shayari, ज़ख्म देने का अंदाज़...
ज़ख्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैं !
ज़ख्म देकर पूछते हैं अब हाल कैसा हैं !!
किसी एक से गिला क्या करना यारों !
सारी दुनियाँ का मिजाज एक जैसा हैं !!
ज़ख्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा हैं !
ज़ख्म देकर पूछते हैं अब हाल कैसा हैं !!
किसी एक से गिला क्या करना यारों !
सारी दुनियाँ का मिजाज एक जैसा हैं !!
कुछ बीते पल की यादें सजाए रखना !
कुछ आने वाला पल से आरजू लगाये रखना !!
ये पल तो यूँ ही आते - जाते रहेंगे....!
बस होठों पे अपनी मुस्कुराहट बनाए रखना !!
बीते पल वापस ला नहीं सकते !
सूखे फूल वापस खिला नहीं सकते !!
कभी - कभी लगता हैं आप हमें भूल गए !
पर दिल कहता हैं की आप हमे भुला नहीं सकते !!
बदलना आता नहीं हमको मौसम की तरह !
हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं......!!
न तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक !
कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते हैं !!
दिल तो उसके सिने में भी मचलता होगा !
हुस्न भी सौ - सौ रंग बदलता होगा.....!!
उठती होगी जब निगाहें उनकी........!
खुद खुदा भी गीर - गीर के संभालता होगा !!
बस कर उजरेंगे कभी सोचा न था !
ऐसी दुवा से गुजरेंगे कभी सोचा न था !!
कितना विश्वास था उसके प्यार पे....!
इस तरह धोखा देगी कभी सोचा न था !!
मेरी चाहत ने उसे ख़ुशी दे दी !
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामौशी दे दी !!
रब से दुवा मांगी मैंने मरने की.....!
उसने भी तड़पने के लिए जिंदगी दे दी !!
पत्थरो से प्यार किया नादान थे हम !
गलती हुई क्योंकी इंशान थे हम.....!!
आज जिन्हें नज़रे मिलाने में तकलीफ होती हैं !
कभी उसी सख्स की जान थे हम....!!
दुनियाँ में कौन हैं हम बेगानों का !
जो थी वो कर गई खून अरमानो का !!
खुशियाँ क्या हैं ये हमें मालुम नहीं !
गमो से भी गहरा नाता हैं हम दीवानों का !!
ताजमहल दर्द की इमारत हैं !
जिसके निचे दफना किसी की मोहब्बत हैं !!
खुदा बन्दों पे करम इतना करना....!
किसी के मोहब्बत को पत्थर में दफन न करना !!
इस बेनाम रिश्ते को निभाओ किसी रोज !
जो मिले फुरसत तो पास आओ किसी रोज !!
बरसो से मेरा दिल खाली पड़ा हैं......!
तुम अपने नाम की तख्ती तो लगाओ किसी रोज !!
बेवफा हैं दुनियाँ किसी का एतबार न करो !
हर पल देते हैं धोखा किसी से प्यार न करो !!
मीट जाओ उम्र भर तनहा जी कर....!
पर किसी के साथ आँखे चार न करो !!
कब साथ निभाते हैं लोग !
आँशु की तरह बिछर जाते हैं लोग !!
वो ज़माना और था लोग रोते थे गैरो के लिए !
आज तो अपनों को रुला कर मुस्कुराते हैं लोग !!
दूर कही मेरी नजरो में रहती हो तुम !
हर लम्हा मेरे खयालों में रहती हो तुम !!
कैसे हो किस हाल में हो तुम......?!
दिल के हर सवाल में रहती हो तुम !!
दिल प्यार में बेक़रार भी होता हैं !
दोस्ती में थोड़ा इंतज़ार भी होता हैं !!
होती नहीं प्यार में दोस्ती.....!
पर दोस्ती में शामिल प्यार भी होता हैं !!
चुपके से धड़कन में उतर जायेंगे !
राहे उल्फत में हद से गुजर जायेंगे !!
आप जो हमे इतना चाहेंगे......!
हम तो आपकी साँसों में पिघल जायेंगे !!
हर जज़बात को जुबान नहीं मिलती !
हर आरजू को दुवा नहीं मिलती.....!!
हँसते रहो तो दुनियाँ रहती हैं साथ !
वर्ना आंसुओं को तो आँखों में भी पनाह नहीं मिलती !!
हमारे लिए उनके दिल में चाहत न थी !
किसी ख़ुशी में कोई दावत न थी.....!!
मैंने अपना दिल उनके कदम में रख दिया !
पर ज़मीन पर देखना उनकी आदत न थी !!
जिसे याद करके ये दिल रो रहा हैं !
वो मुझे तड़पता देख खुश हो रहा हैं !!
चुरा के आँखों से नींद मेरी.....!
वो रात को चैन से बेखबर सो रहा हैं !!
काली रात को पाने की जिद न करो !
जो न हो अपना उसे अपनाने की जिद न करो !!
समुन्दर में तूफान बहुत आते हैं.......!
साहिल पे घर बनाने की जिद न करो !!
किसी का दर्द जब हद से गुजर जाता हैं !
समंदर का पानी आँखों में उतर आता हैं !!
कोई तो बना लेता हैं रेत पर भी घर....!
किसी का लहरों में सब कुछ बिखर जाता हैं !!
वक़्त की रफ्तार रुक गई होती !
शरम से आँखे झुक गई होती....!!
अगर दर्द जानती शमा परवाने का !
तो जलने से पहले ही वो बुझ गई होती !!
तू कही भी रह सर पे तेरा इलज़ाम तो हैं !
तेरे हाथों की लकीर में मेरा नाम तो हैं !!
मुझे अपना बना या न बना ये तेरी मर्जी !
पर तू मेरे नाम से बदनाम तो हैं....!!
वो हमारे कब थे जो बेगाने हो गए !
ज़रा सी बात थी क्या फ़साने हो गए !!
क्या उसे इलज़ाम दे क्या सुनाये हालेदिल !
अब कोई होगा नया हम पुराने हो गए !!
कोई मिला ही नहीं जिसको वफ़ा देता !
हर एक ने धोखा दिया किस - किस को सजा देता !!
ये तो हम थे की चुप रह गए वर्ना......!
दास्तान सुनाते तो महफिल को रुला देता !!
Back to TOP