Zakhm-e Dil Shayari, जब भी करीब आता हूँ....
जब भी करीब आता हूँ बताने के किये !
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये...!!
महफ़िलों की शान न समझना मुझे !
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये !!
जब भी करीब आता हूँ बताने के किये !
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये...!!
महफ़िलों की शान न समझना मुझे !
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये !!
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