जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम...
खामोश चेहरे पर हज़ारों पहरे होते हैं,
हँसती आँखों में भी ज़ख़्म गहरे होते हैं,
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम,
असल में उनसे ही तो रिश्ते और गहरे होते हैं।
हँसती आँखों में भी ज़ख़्म गहरे होते हैं,
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम,
असल में उनसे ही तो रिश्ते और गहरे होते हैं।
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