रिश्ते काँच की तरह होते हैं..
रिश्ते काँच की तरह होते हैं,
टूट जाएं तो चुभते हैं,
इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना,
क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल,
और बनाने मे बरसो लग जाते हैँ।
टूट जाएं तो चुभते हैं,
इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना,
क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल,
और बनाने मे बरसो लग जाते हैँ।
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