हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है
तू छोड़ दे कोशिशें इंसानो को पहचानने की, यहाँ ज़रूरत के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं, अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डाल कर, हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है। |
तू छोड़ दे कोशिशें इंसानो को पहचानने की, यहाँ ज़रूरत के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं, अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डाल कर, हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है। |
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