फिर ना मिलेंगे अब तुमसे हम कभी
मोहब्बत का मेरा यह सफर आख़िरी है,
ये कागज, ये कलम, ये गजल आख़िरी है,
फिर ना मिलेंगे अब तुमसे हम कभी,
क्योंकि तेरे दर्द का अब ये सितम आख़िरी है।
ये कागज, ये कलम, ये गजल आख़िरी है,
फिर ना मिलेंगे अब तुमसे हम कभी,
क्योंकि तेरे दर्द का अब ये सितम आख़िरी है।
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