दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी
बड़ा अरमान था तेरे साथ जीवन बिताने का,
शिकवा है बस तेरे खामोश रह जाने का,
दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी,
आज भी इंतज़ार है बस तेरे आने का।
शिकवा है बस तेरे खामोश रह जाने का,
दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी,
आज भी इंतज़ार है बस तेरे आने का।
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