Dard Shayari, उल्फत का अक्सर...
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैं !
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता हैं !!
दिल टूटकर बिखरता हैं इस कदर जैसे !
कोई काँच का खिलौना चूर-चूर होता हैं !!
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैं !
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता हैं !!
दिल टूटकर बिखरता हैं इस कदर जैसे !
कोई काँच का खिलौना चूर-चूर होता हैं !!
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