Dosti Shayari, कभी खामौशी...
कभी खामौशी खुछ कह जाती हैं!
सोचने के लिए सिर्फ यादें रह जाती हैं!!
क्या फ़र्क परता हैं दूर हो या पास!
दुरियाँ ही दोस्ती की मतलब सिखाती हैं!!
कभी खामौशी खुछ कह जाती हैं!
सोचने के लिए सिर्फ यादें रह जाती हैं!!
क्या फ़र्क परता हैं दूर हो या पास!
दुरियाँ ही दोस्ती की मतलब सिखाती हैं!!
Back to TOP
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment