Love Shayari, गालो पे आसुओ की लकीर बन गई...
गालो पे आसुओ की लकीर बन गई !
कभी न सोचा था ऐसी तक़दीर बन गई !!
हमने तो फिराई थी यूँही रेत पे उँगलियाँ !
देखा तो तुम्हारी तस्वीर बन गई !!
गालो पे आसुओ की लकीर बन गई !
कभी न सोचा था ऐसी तक़दीर बन गई !!
हमने तो फिराई थी यूँही रेत पे उँगलियाँ !
देखा तो तुम्हारी तस्वीर बन गई !!
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