Mohabbat Shayari, फिर दूर से एक बार सता दो मुझे...
फिर दूर से एक बार सता दो मुझे !
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझे !!
तू तो रौशनी है तुझे मेरी ज़रूरत क्या होगी !
मैं दिया हूँ किसी दहलीज़ पर ही जला दो मुझे !!
फिर दूर से एक बार सता दो मुझे !
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझे !!
तू तो रौशनी है तुझे मेरी ज़रूरत क्या होगी !
मैं दिया हूँ किसी दहलीज़ पर ही जला दो मुझे !!
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