Mohabbat Shayari, हर आदमी की किश्मत में...
हर आदमी की किश्मत में तस्वीर नहीं होती!
हर किसी की एक जैसी तक़दीर नहीं होती!!
और भी होगे हम जैसे बदनशीब दुनिया में!
जिसके हाथो में मोहब्बत की लकीर नहीं होती!!
हर आदमी की किश्मत में तस्वीर नहीं होती!
हर किसी की एक जैसी तक़दीर नहीं होती!!
और भी होगे हम जैसे बदनशीब दुनिया में!
जिसके हाथो में मोहब्बत की लकीर नहीं होती!!
Back to TOP
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment