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Zakhm-e Dil Shayari, नफरत लाख मिली...

नफरत लाख मिली मोहब्बत न मिली !
जिंदगी बीत गई पर राहत न मिली !!
तेरी महफिल में हर शक्स को हँसते देखा !
एक मैं था जिसे हँसने की इजाजत न मिली !!

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