Zakhm-e Dil Shayari, टूट जाते है बिखर जाते हैं...
टूट जाते है बिखर जाते हैं !
काँच के घर में मुकदर अपने !!
अजनबी तो सदा प्यार से मिलते हैं !
भूल जाते हैं तो अक्सर अपने !!
टूट जाते है बिखर जाते हैं !
काँच के घर में मुकदर अपने !!
अजनबी तो सदा प्यार से मिलते हैं !
भूल जाते हैं तो अक्सर अपने !!
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