Mohabbat Shayari, एक अजनवी से...
एक अजनवी से बात क्या की !
सरे शहर को इस चाहत की खबर हो गई !!
क्यों न दोष दूँ दिल-ऐ-नादान को.....!
क्योकि दोस्ती का इरादा था और मोहब्बत हो गई !!
एक अजनवी से बात क्या की !
सरे शहर को इस चाहत की खबर हो गई !!
क्यों न दोष दूँ दिल-ऐ-नादान को.....!
क्योकि दोस्ती का इरादा था और मोहब्बत हो गई !!
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