Zakhm-e Dil Shayari, इस जहाँ में मोहब्बत...
इस जहाँ में मोहब्बत काश न होती !
तो सफर-ऐ-जिंदगी में मिठास न होती !!
अगर मिलती बेवफा को सजाए मौत...!
तो दीवानों की कब्र यूँ उदाश न होती !!
इस जहाँ में मोहब्बत काश न होती !
तो सफर-ऐ-जिंदगी में मिठास न होती !!
अगर मिलती बेवफा को सजाए मौत...!
तो दीवानों की कब्र यूँ उदाश न होती !!
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