Dard Shayari, वो रुठते रहे हम...
वो रुठते रहे हम मनाते रहे,
उनकी राहों में पलके बिछाते रहे,
उसने कभी पलट के भी नहीं देखा,
हम आँख झपकने से भी कतराते रहे.
उनकी राहों में पलके बिछाते रहे,
उसने कभी पलट के भी नहीं देखा,
हम आँख झपकने से भी कतराते रहे.
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