Armaan Shayari - मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ
मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था,
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था,
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर,
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था,
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर,
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
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