ज़िक्र हुआ जब खुदा की....
ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का,
हमने खुद को खुशनसीब पाया,
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।
हमने खुद को खुशनसीब पाया,
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।
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very entrusting shayari: http://tinyurl.com/nel4twp
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