उसकी आदत पड़ गई है मुझे..
उसकी आदत पड़ गई है मुझे, जो छुड़ाए नही छुटती,
खुद धुंधला पड़ गया हूँ मैं, उसे याद करते-करते,
अब उसे न सोचू तो जिस्म टूटने सा लगता है,
एक वक़्त गुजरा है उसके नाम का नशा करते-करते।
खुद धुंधला पड़ गया हूँ मैं, उसे याद करते-करते,
अब उसे न सोचू तो जिस्म टूटने सा लगता है,
एक वक़्त गुजरा है उसके नाम का नशा करते-करते।
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