महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को
तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी, किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी, महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को, बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी। |
तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी, किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी, महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को, बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी। |
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