मिलने आयेंगे हम आपसे ख्वाबों में
मिलने आयेंगे हम आपसे ख्वाबों में, ज़रा रौशनी के दिये बुझा दीजिए, अब और नहीं होता इंतज़ार आपसे मुलाकात का, ज़रा अपनी आँखों के परदे तो गिरा दीजिए। शुभ रात्रि... |
मिलने आयेंगे हम आपसे ख्वाबों में, ज़रा रौशनी के दिये बुझा दीजिए, अब और नहीं होता इंतज़ार आपसे मुलाकात का, ज़रा अपनी आँखों के परदे तो गिरा दीजिए। शुभ रात्रि... |
Back to TOP
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment