सारा जहाँ उसी का है जो मुस्कुराना जानता है
सारा जहाँ उसी का है जो मुस्कुराना जानता है,
रौशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है,
हर जगह मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे हैं लेकिन,
ईश्वर तो उसी का है जो सर झुकाना जानता है।
सुप्रभात...
रौशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है,
हर जगह मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे हैं लेकिन,
ईश्वर तो उसी का है जो सर झुकाना जानता है।
सुप्रभात...
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment