Zakhm-e Dil Shayari, हँसी मेरी थी पर...
हँसी मेरी थी पर चेहरा उनका था !
मेरे इस दिल पे सिर्फ नाम उनका था !!
जिसके लिए मैंने की अपनों से बगावत !
मेरे ही खिलाफ हर इलज़ाम उनका था !!
हँसी मेरी थी पर चेहरा उनका था !
मेरे इस दिल पे सिर्फ नाम उनका था !!
जिसके लिए मैंने की अपनों से बगावत !
मेरे ही खिलाफ हर इलज़ाम उनका था !!
Back to TOP
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment