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Zakhm-e Dil Shayari, गुलसन में भी बहार...

गुलसन में भी बहार आते हैं !
हर किसी पे हम कहाँ यकीन कर पाते हैं !!
दिल का जिसपे होता हैं ज्यादा भरोसा !
कसम से उसी से हम धोखा खाते हैं !!

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