Zakhm-e Dil Shayari, हुस्न वाले खूब वफाओ का...
हुस्न वाले खूब वफाओ का सिला देते हैं !
हर मोड़ पे एक ज़ख्म नया देते हैं !!
अए दोस्त इस जहाँ में कोई अपना नहीं !
जब आग लगती हैं तो पत्ते भी हवा देते हैं !!
हुस्न वाले खूब वफाओ का सिला देते हैं !
हर मोड़ पे एक ज़ख्म नया देते हैं !!
अए दोस्त इस जहाँ में कोई अपना नहीं !
जब आग लगती हैं तो पत्ते भी हवा देते हैं !!
Back to TOP
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment