Mohabbat Shayari, तुम दूर हो कर भी...
तुम दूर हो कर भी मेरे करीब हो !
मेरे दिल से पूछो कितने अज़ीज़ हो !!
अपनी हथेली को कभी गौर से देखना !
सायद किसी लकीर में मेरा भी नसीब हो !!
तुम दूर हो कर भी मेरे करीब हो !
मेरे दिल से पूछो कितने अज़ीज़ हो !!
अपनी हथेली को कभी गौर से देखना !
सायद किसी लकीर में मेरा भी नसीब हो !!
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