Mirza Ghalib Shayari - दाद इस जुनूने-शौक की देना
खुदा के वास्ते, दाद इस जुनूने-शौक की देना,
खुदा के वास्ते, दाद इस जुनूने-शौक की देना,
की उसके दर पे पहुँचते हैं, नामाबर से हम आगे।
(जुनूने-शौक- अभिलाषाओं का उन्माद, नामाबर- पत्रवाहक)
खुदा के वास्ते, दाद इस जुनूने-शौक की देना,
की उसके दर पे पहुँचते हैं, नामाबर से हम आगे।
(जुनूने-शौक- अभिलाषाओं का उन्माद, नामाबर- पत्रवाहक)
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Har saans mein uski mahek saath hai,
In fizao mein uska ehsaas saath hai...
Kaise samju khudko tanha e yaaro,
Jab har dhadkan mein uski yaad saath hai…
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