Mirza Ghalib Shayari - कासिद के आते-आते
कासिद के आते-आते खत इक और लिख रखूँ,
कासिद के आते-आते खत इक और लिख रखूँ,
मैं जानता हूँ, जो वो लिखेंगे जवाब में।
(कासिद- पत्रवाहक)
कासिद के आते-आते खत इक और लिख रखूँ,
मैं जानता हूँ, जो वो लिखेंगे जवाब में।
(कासिद- पत्रवाहक)
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