Mirza Ghalib Shayari - जाते हुए कहते हो..
जाते हुए कहते हो, क़यामत को मिलेंगे
जाते हुए कहते हो, क़यामत को मिलेंगे
क्या खूब! क़यामत का है गोया कोई दिन और।
(कयामत- प्रलय, गोया- जैसे)
जाते हुए कहते हो, क़यामत को मिलेंगे
क्या खूब! क़यामत का है गोया कोई दिन और।
(कयामत- प्रलय, गोया- जैसे)
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