माँगते थे रोज़ दुआ में सुकून ख़ुदा से
माँगते थे रोज़ दुआ में सुकून ख़ुदा से,
सोचते थे वो चैन हम लाएं कहाँ से,
किसी रोज एक प्यासे को पानी क्या पिला दिया,
लगा जैसे खुदा ने सुकून का पता बता दिया।
माँगते थे रोज़ दुआ में सुकून ख़ुदा से,
सोचते थे वो चैन हम लाएं कहाँ से,
किसी रोज एक प्यासे को पानी क्या पिला दिया,
लगा जैसे खुदा ने सुकून का पता बता दिया।
Back to TOP
0 शायरी पसंद आने पर एक टिप्पणी (Comment) जरूर लिखे।:
Post a Comment