आपको अपने ज़ख्म दिखाना..
आपको अपने ज़ख्म दिखाना चाहता हूँ मैं,
मगर क्या करूँ बहुत ही दूर हैं आप,
आपको चाहता हूँ बनाना साथी अपना,
मगर मानता हूँ, रस्मों के हाथों मजबूर हैं आप।
आपको अपने ज़ख्म दिखाना चाहता हूँ मैं,
मगर क्या करूँ बहुत ही दूर हैं आप,
आपको चाहता हूँ बनाना साथी अपना,
मगर मानता हूँ, रस्मों के हाथों मजबूर हैं आप।
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