वो तो साँसों में बसी है मेरे
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं।
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं।
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