आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर
आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर,
ना रंग ना रौशनी है तेरे बगैर,
वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है,
बस धड़कन थम सी गयी है तेरे बगैर।
ना रंग ना रौशनी है तेरे बगैर,
वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है,
बस धड़कन थम सी गयी है तेरे बगैर।
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